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भौतिक विज्ञान का सदुपयोग समाज को बाहरी सौंदर्य प्रदान करता है ,तो धर्म आंतरिक सौंदर्य ऐसा क्यों? - साध्वी पल्लवी भारती जी

  


धर्म और भौतिक विज्ञान दोनों का हमारे जीवन में घनिष्ठ संबंध है-साध्वी पल्लवी भारती जी

जालंधर:- दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से बिधिपुर आश्रम में सत्संग विचारों एवं भजन संकीर्तन का आयोजन किया गया जिसमें  श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी पल्लवी भारती जी ने बताया कि धर्म और भौतिक विज्ञान दोनों का हमारे जीवन में घनिष्ठ संबंध है।दोनों के सदुपयोग से ही हमारे जीवन का सौंदर्य परिपूर्ण होता है ।




भौतिक विज्ञान का सदुपयोग समाज को बाहरी सौंदर्य प्रदान करता है ,तो धर्म आंतरिक सौंदर्य ऐसा क्यों?वह इसलिए कि धर्म का संबंध उसे चेतन ब्रह्म शक्ति से है जो सर्वत्र व्यापक है जिसके द्वारा मानव की इंद्रियों का समूह संचालित होता है । इस चेतना का अपनी भीतर प्रत्यक्ष अनुभव हमें  अचेतना से दूर कर देता है । हमारे हृदय में दिव्य सौंदर्य के सभी गुणों को प्रस्फुटित कर देता है और यही प्रक्रिया मानव समाज को जीवन शक्ति से भर्ती है।



 साध्वी जी ने बताया यूं तो अध्यात्म और भौतिक विज्ञान दोनों का एक ही लक्ष्य है अंतिम सत्य की खोज और सत्य की जीत के विषय में वेद कहते हैं -' इस लोक से परे भी एक ज्योति है ' यदि अध्यात्म और विज्ञान दोनों को एक साथ खड़ा किया जाए तो अध्यात्म पिता का स्थान पाता है और भौतिक विज्ञान नन्ही शिशु का ,जो पिता के वरदहस्त के बिना असहाय ही है।



ऋग्वेद के ऋषि कहते हैं उस ज्योति को देखो जो सभी मरणधर्मा मानवों में स्थित हैं । वही ब्रह्म स्वरूप है । धर्म या अध्यात्म 'पूर्ण 'को जानना है जो कि तत्ववेत्ता संत की शरण में जाकर ही संभव हो सकता है।कार्यक्रम के अंत में भावपूर्ण भजनों का गायन भी किया गया।

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